Saanso Ki Mala Pe Simru Me Pi Ka Naam Lyrics In Hindi English | साँसों की माला पे सिमरु में पि का नाम |

Saanso Ki Mala Pe Simru Me Pi Ka Naam Lyrics In Hindi English

Summary : Saanso Ki Mala Pe Simru Me Pi Ka Naam ये Song Album से है।  इस गाने मे Nusrat Fateh Ali Khan मुख्य भूमिका में है। इस गाने को Nusrat Fateh Ali Khan ने गाया और Music Nusrat Fateh Ali Khan ने दिया है। इस गाने के बोल Nusrat Fateh Ali Khan ने लिखे है।

About : Saanso Ki Mala Pe Simru Me Pi Ka Naam Song

  • Song Title : Saanso Ki Mala Pe Simru Me Pi Ka Naam
  • Album : Saanso Ki Mala Pe Simru Me Pi Ka Naam
  • Singer : Nusrat Fateh Ali Khan
  • Music : Nusrat Fateh Ali Khan
  • Lyrics : Nusrat Fateh Ali Khan
  • Director : Nusrat Fateh Ali Khan
  • Cast : Nusrat Fateh Ali Khan
  • Label : Shemaroo

Saanso Ki Mala Pe Simru Me Pi Ka Naam (Official Video)

Saanso Ki Mala Pe Simru Me Pi Ka Naam Lyrics In Hindi

आ पिया इन नैनन में, मैं पलक डांप तोहे लूं
ना मैं देखूं गैर को, ना मैं तोहे देखन दूं

काजर डारूं किरकरा सुरमा दिया न जाए
जिन नैनन में पिया बसे भला दूजा कौन समाए

नील गगन से भी परे सैयां जी का गाम
दर्शन जल की कामना पत रखियो हे राम!

अब क़िस्मत के हाथ है इस बंधन की लाज
मैंने तो मन लिख दिया सांवरिया के नाम

जाने कौन से भेष में सांवरिया मिल जाए
झुक-झुक कर संसार में सबको करूं सलाम

वह चातर है कामिनी वह है सुंदर नार
जिस पगली ने कर लिया साजन का मन राम

जब से राधा श्याम के नैन हुए हैं चार
श्याम बने हैं राधिका, राधा बन गई श्याम

सांसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम

सांसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम
अपने मन की मैं जानू और पी के मन की राम

सांसों की माला पे..
सांसों की माला पे..

सांसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम

यही मेरी बंदगी है यही मेरी पूजा है

सांसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम

इक का साजन मंदिर में
और इक का प्रीतम मस्जिद में, पर मैं

सासों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम

हम और नहीं कछु काम के
मतवारे पी के नाम के

सासों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम

सजनी पाती तब लिखूं जो प्रीतम हो परदेस
तन में मन में पिया बसे अब भेजूं किसे संदेस

सांसो की माला पे सिमरु मैं पी का नाम

हर-हर में है हर बसे
(इसमें, उसमें, तुझ में, मुझ में)

हर-हर में है हर बसे, हर-हर को हर की आस
हर को हर हर ढूंढ फिरी, और हर है मेरे पास

सांसो की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम

प्रेम के रंग में ऐसी डूबी

प्रेम के रंग में ऐसी डूबी बन गया एक ही रूप
प्रेम की माला जपते जपते आप बनी में श्याम

सांसों की माला ……

प्रीतम का कुछ दोष नहीं है

प्रीतम का कुछ दोष नहीं है वह तो है निर्दोष
अपने आपसे बातें करके हो गई मैं बदनाम

सांसों की माला ……

प्रेम प्याला जब से पिया है

प्रेम प्याला जब से पिया है जी का है यह हाल
अंगारों पे नींद आ जाए कांटो पे आराम!

सांसों की माला ……

जीवन का सिंगार है प्रीतम

जीवन का सिंगार है प्रीतम मांग का है सिंदूर
प्रीतम की नजरों से गिर कर जीना है किस काम

सांसो की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम

सिमरूं मैं पी का नाम
सिमरूं मैं पी का नाम

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