सच ये है बेकार हमें ग़म होता है || Sach Ye Hai Bekar Hume Gum Hota Hai || Silsilay – Jagjit Singh Gazals ||
September 12, 2021
Song : Sach Ye Hai Bekar Hume Gum Hota Hai
Album : Silsilay (1998)
Singer : Jagjit Singh
Lyricist : Javed Akhtar
Mood : Gazal
Music Label : T-Series
सच ये है बेकार हमें ग़म होता है,
जो चाहा था दुनिया में कम होता है..
ढलता सूरज, फैला जंगल, रस्ता गुम,
हमसे पूछो कैसा आलम होता है..
ग़ैरों को कब फ़ुरसत है दुख देने की,
जब होता है कोई हमदम होता है..
ज़ख़्म तो हम ने इन आँखों से देखे हैं,
लोगों से सुनते हैं मरहम होता है..
ज़हन की शाख़ों पर अश’ आर आ जाते हैं,
जब तेरी यादों का मौसम होता है..